व्यापार को कुछ समय के अंतराल में धन की ज़रूरत पड़ती है, जिससे कि वह अपना व्यापार बढ़ा सकें। लोन लेने के लिए वह बैंकों के पास जा सकते हैं, एनबीएफसी या उसके जैसी दूसरी संस्थानों के पास जा सकते हैं, या फिर लाइन ऑफ क्रेडिट ले सकते हैं!
लाइन ऑफ क्रेडिट क्या होता है?
लाइन ऑफ क्रेडिट व्यापारी और लेंडर के बीच एक तरह का समझौता होता है। लेंडर या तो बैंक हो सकता है या फिर एक एनबीएफसी।
इस समझौते के हिसाब से लेंडर आपको यानी व्यापार के मालिक को एक निश्चित धन देने का वादा करता है। लोन लेने वाला इस धन को कभी भी निकाल सकता है, जब तक वह लोन की सीमा के अंदर हो। इस लोन का इंटरेस्ट आपने जितना धन लिया है, केवल उस पर लगेगा, लोन की सीमा पर नहीं।
लाइन ऑफ क्रेडिट लेने का यह सबसे बड़ा फायदा है कि जो भी धन आप लेते हैं, वह आप अपने व्यापार की ज़रूरत के हिसाब से खर्च कर सकते हैं।
लाइन ऑफ क्रेडिट और एक लघु उद्योग लोन के बीच क्या अंतर है?
एक व्यापार लोन लेने के समय आप एक निश्चित धन एक बार में ले सकते हैं। आपको जो भी इंटरेस्ट लगेगा, वह आपके इस धन पर लगेगा। अगर आपको ज्यादा धन की आवश्यकता है, तो आपको फिर दूसरा लोन लेना होगा।
लेकिन लाइन ऑफ क्रेडिट आपको एक सीमा देता है, जिसके अंदर आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से लोन ले सकते हैं। आप एक निश्चित समय पर भी लोन ले सकते हैं, लेकिन लोन की सीमा के अंदर। इसका इंटरेस्ट जितनी धनराशि आपने ली है, उसी पर लगेगा।
यहां पर हमें यह जानना जरूरी है कि लाइन ऑफ क्रेडिट की ब्याज दरें यानि इंटरेस्ट रेट किसी भी आम लोन से ज़्यादा होती हैं। लेकिन लाइन ऑफ क्रेडिट आपको एक आम लोन से ज़्यादा लचीलापन देता है, मतलब आपके पास ज्यादा विकल्प होते हैं। जैसे कि आप कितना धन लेना चाह रहे हैं या आप उसे कब तक चुकाना चाह रहे हैं आदि।
लाइन ऑफ क्रेडिट लेना आपकी कैसे मदद कर सकता है?
किसी भी व्यापार के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट लेने के फायदे कुछ इस तरह हैं:
- आसान और जल्दी से मिल जाने वाला:
असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट किसी भी व्यापार के मालिक को वह जब भी चाहे तब उतना धन देता है। किसी भी व्यापार के सामने ऐसी स्थिति आ सकती है, जो सोची नहीं थी, जिसके कारण आपको अचानक धन की आवश्यकता पड़ सकती है। असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट ऐसे समय में आपके व्यापार को तुरंत धन दे सकता है।
- पैसा ट्रांसफर करने में आसानी:
एक छोटा व्यापार लाइन ऑफ क्रेडिट या असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट आपके व्यापार के लिए पैसे ट्रांसफर करने के बहुत सारे तरीके देता है। आप ये या तो ऑनलाइन कर सकते हैं या फिर चेक देकर, जो आपके लाइन ऑफ क्रेडिट के साथ जुड़ा होगा।
- भारी क्रेडिट रेट और सीमा:
जब लघु उद्योगी कोई बड़ी खरीदी करते हैं, तो वह उसके पैसे क्रेडिट कार्ड से चुकाते हैं, जिसकी सीमा काफी ज़्यादा होती है। ज़्यादातर व्यापार के लिए दिए जाने वाले क्रेडिट कार्ड ०% एपीआर पर दिए जाते हैं, बारह महीनों के लिए। इसका मतलब यह है कि जिसके पास क्रेडिट कार्ड है, उसे हर महीने कम रकम चुकानी होगी। क़र्ज़ के तौर पर उसे इंटरेस्ट भी नहीं देना होगा, जब तक वह अपना कर्ज एक साल के अंदर चुका दे।
- भुगतान करने के बहुत सारे तरीके:
व्यापार के लिए लिए गए लोन को चुकाने आपको हर महीने एक निश्चित राशि चुकानी पड़ती है। वहीं एक असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट आपको भुगतान करने के काफी सारे विकल्प देता है। हर महीने लोन लेने वाले के पास अलग-अलग विकल्प रहते हैं, जैसे कि एक साथ सारी धनराशि वापस करना या हर महीने की निर्धारित राशि से ज्यादा वापस करना। इन विकल्पों से व्यापार के मालिक अपनी व्यापार की स्थिति के हिसाब से अपना कर्ज चुका सकते हैं, जो उनके व्यापार के हिसाब से ठीक हो।
- आपका व्यापार और आपकी निजी ज़िंदगी अलग-अलग रहेंगे:
क्योंकि असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट किसी भी कंपनी के नाम से दिया जाता है, ना कि लोगों के नाम से, तो कोई भी व्यापार अपने मालिक की क्रेडिट हिस्ट्री से अलग अपनी क्रेडिट हिस्ट्री बना सकता है।
- बेहतर क्रेडिट:
असुरक्षित लाइन ऑफ क्रेडिट में समय से किया जाने वाला भुगतान किसी भी व्यापार के क्रेडिट स्कोर को मज़बूत कर सकता है। इसका फायदा यह होगा कि व्यापार के मालिक भविष्य में बैंकों से और लाइन ऑफ क्रेडिट ले सकेंगे और क्योंकि उन्होंने अपना भुगतान समय से किया होगा, तो उन्हें और लोन लेने के लिए अच्छी शर्तें मिलेंगी।
- कोई ज़मानत नहीं:
किसी भी लाइन ऑफ क्रेडिट को ज़मानत की जरूरत नहीं होती, तो मालिक की संपत्ति उसके पास ही रहती है और उसे गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती।
यहां पर यह बात ध्यान में रखने वाली है कि अगर आप समय से अपने भुगतान कर देते हैं, तो आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। लेकिन यदि आप भुगतान करने में देरी करते हैं, तो लेंडर आपकी संपत्ति छीन सकता है ,अपना कर्ज़ वसूलने के लिए।
लघु उद्योग के लिए ली जाने वाली लाइन ऑफ क्रेडिट कंपनी को यह छूट देती है कि वह अपने खर्चे निकाल सके। जब भी उसके पास धन की कमी होती है, तो उसे धन मिल जाता है।
इसका फ़ायदा यह है कि व्यापार के मालिकों को अपना ध्यान धन की कमी में नहीं लगाना होता और वह अपना सारा ध्यान व्यापार को बढ़ाने और बड़ा करने में लगा सकते हैं। कोई भी व्यापारी अगर अपने लोन का भुगतान समय से करता है, तो उसे इसका फायदा मिलता है और वह दिवालिया घोषित होने से बच जाता है।
अगर आप अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए एक छोटा सा लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आज ही ग्रोमोर फाइनेंस से संपर्क कीजिए।