ई-फार्मेसी में वेब पोर्टल या ऐसे किसी दूसरे इलेक्ट्रॉनिक मोड के द्वारा दवाओं के वितरण या बिक्री, स्टॉक, प्रदर्शनी या प्रस्ताव शामिल हैं।
व्यापार का मॉडल
एक ऑनलाइन फार्मेसी व्यापार मॉडल सामान खरीदने वालों की ज़िंदगी आसान बना देता है, खासकर बुज़ुर्गों के लिए, क्योंकि उन्हें हर छोटी चीज़ खरीदने के लिए दवाई-दुकान नहीं जाना पड़ता।
अगर आप एक ऑनलाइन फार्मेसी शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको उसमे लगने वाले पैसों के बारे में जानना ज़रूरी है। हालाँकि यह एक कम पैसों वाला व्यापार है, लेकिन इसे ऑनलाइन बढ़ावा देने के लिए आपको इसमें काफी धन लगाना होगा। अगर आप फार्मा कंपनियों से थोक में दवाओं की खरीदी करते हैं, तो यह खरीदने वाली दर और एमआरपी के बीच के अंतर को कम करेगा, जिससे आप आपने खर्चों में कटौती कर सकते हैं।
आप आपने ई-फार्मेसी की वेबसाइट में विज्ञापन दे के और कमाई कर सकते हैं। आपकी वेबसाइट जितनी लोकप्रिय होगी, आपकी आमदनी उतनी बढ़ेगी। किसी भी ई-फार्मा की सफलता के पीछे कम परिचालन लागत और ज़्यादा लाभ-मार्जिन होता है।
एक ऑनलाइन ई-फार्मेसी स्टोर शुरू करने की कुछ ज़रूरतें नीचे दी हुई है:
- एक फार्मासिस्ट और एक पंजीकृत दवा बेचने वाला होना चाहिए।
- कोई भी आर्डर लेने के लिए दवा की पर्ची सही होनी चाहिए।
- पंजीकृत फार्मासिस्ट या दवा बेचने वाले को बिलों पर ठीक से हस्ताक्षर करना चाहिए।
- आर्डर वाली दवाओं की निगरानी फार्मासिस्ट द्वारा की जानी चाहिए।
- ग्राहकों को दी जाने वाली दवाएं पंजीकृत दवा बेचने वाली दूकान से आनी चाहिए।
ई-फार्मेसी के मालिक को इन ज़रूरतों को भी पूरा करना चाहिए:
- दवाओं के आर्डर केवल ई-फार्मेसी की वेबसाइट या पोर्टल से ही लिए जाएं।
- दवाएँ केवल पंजीकृत दवा बेचने वाले की पर्ची से ही दी जाएं।
- बेची जाने वाली दवाई और उसे खरीदने वालों का रिकॉर्ड वेबसाइट या पोर्टल में रखा जाए।
- पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- बेचने के लिए रखी हुई दवाओं के प्रकार।
- सप्लायर और विक्रेताओं की जानकारी।
- अगर कोई पंजीकृत चिकित्सक हो, तो उसकी जानकारी।
- पंजीकृत चिकित्सक का नाम और दूसरी जानकारी, जिसने दवा की पर्ची दी हो।
- सामान देने वाले की जानकारी।
- दवाओं को वापस करने की शर्तें।
- ई-फार्मेसी के संपर्क की जानकारी: ईमेल, पता, लैंडलाइन और मोबाइल नंबर।
- ग्राहकों की शिकायतें दूर करने की सुविधा, जो हफ्ते के सातों दिन, दिनभर में करीब बारह घंटे उपलब्ध हो।
- केंद्र या राज्य सरकार को छोड़ कर, दवाई खरीदने वालों की जानकारी किसी को नहीं बताना चाहिए।
- ई-फार्मेसी पंजीकरण धारक, जिसने पोर्टल पर कोई पर्चे प्राप्त किए हैं, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम, 1940 के तहत किसी भी लाइसेंस प्राप्त खुदरा या थोक परिसर से दवाओं की आपूर्ति करने की व्यवस्था करेगा।
- लाइसेंसिंग अधिकारी को समय-समय पर पोर्टल की जानकारी की निगरानी करने और हर दो साल में उस जगह, जहां से व्यवसाय को चलाया जा रहा है, का वहां जा कर निरीक्षण करने का अधिकार होगा।
- ड्राफ्ट नियमों के अनुसार, किसी भी तरह के आपत्ति या सुझाव देने के लिए जनता को 45 दिनों की मोहलत दी गई है, जिसके बाद उस सुझाव पर केंद्र सरकार के द्वारा विचार किया जाएगा, जिसके बाद आधिकारिक गजट में उसको फिर से अधिसूचित किया जाएगा और फिर वह मान्य हो जाएगा।
हर वह व्यक्ति जो ई-फार्मेसी व्यवसाय शुरू करना चाहता है, उसे लाइसेंसिंग अधिकारी के साथ पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा। पंजीकरण तीन साल के लिए वैध होगा और समाप्त होने के तीन महीनों के अंदर इसे दोबारा बनवाया जाना चाहिए। पंजीकरण के लिए कुछ ज़रूरतें नीचे दी हुई हैं:
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों को मानना।
- पोर्टल के माध्यम से मिला हुआ नकद या क्रेडिट मेमो।
- सीरियल नंबर और तारीख़।
- दवाओं की आपूर्ति करने वाले लाईसेंसी का नाम, पता और बिक्री लाइसेंस नंबर।
- दवाई की मात्रा और बैच नंबर, समाप्ति की तारीख़, दवाई का नाम और दवाओं की सप्लाई करने वाले निर्माता का नाम।
- ई-फार्मेसी जिसके नाम से हैं उसका नाम और पता और साथ ही पंजीकृत फार्मासिस्ट के हस्ताक्षर या डिजिटल हस्ताक्षर, जो प्रभारी है।
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