क्या आप अपने छोटे व्यापार के लिए GST का अनुपालन करना चाहते हैं? नीचे एक लिस्ट दी गई है जिससे आप जल्दी से GST का अनुपालन कर सकते हैं!
GST का अनुपालन करने के लिए इन चीजों का ध्यान रखें!
GST का अनुपालन अब बस कुछ कदम की दूरी पर है!
1. अपने व्यापार को समझिए और लेन-देन को वस्तु या सेवा में बाँटिये…
यह लेन-देन GST से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। इंटीग्रेटेड वस्तु और सेवा कर (आइGST) अंतरराज्यीय लेनदेन के लिए लगाया जाता है जहाँ केंद्र सरकार आइGST लगाएगी जो सीGST और एसGST का कुल है।
2. अपने लेन-देन को वस्तु एवं सेवा, प्रावधानों की जगह से हिसाब से जमाएं…
वस्तु एवं सेवा को लेन-देन के हिसाब से अलग-अलग जमाने के बाद आप उनके अंदर किस तरह के सामान या प्रावधान आते हैं, यह पता करें। यह प्रावधान जगह, उद्योग और सामान के प्रकार के हिसाब से हो सकते हैं।
3. उत्पादन के पहले और उत्पादन के बाद के समय के हिसाब से अपने व्यापार में होने वाले बदलाव को बताइए…
उत्पादन प्लांट और गोदाम को फिर से जमाना आपके भाड़े के दाम को कम कर सकता है।
GST अंतर-राज्यीय बिक्री लेने के ऊपर लगने वाली जुर्माने को ख़त्म कर देगा और बेचने वालों और सप्लायर को मज़बूत करेगा।
कौन सी चीज किस तरह काम करेगी और उसमें क्या बदलाव आए हैं इसकी गणना करें।
4. अपने लोजिस्टिक्स मॉडल- गोदाम और ब्रांच को समझिए…
GST एक तरह का गंतव्य कर है, जिससे रसद(लोजिस्टिक्स) और शुल्क/कर लगाए जाने पर अधिक प्रभाव पड़ता है। आपको अपनी सप्लाई के तरीकों को इस तरह बदलना होगा जो नगद प्रवाह को कम कर सके।
5. अपनी बिक्री की नीतिओं को स्पष्ट कीजिये… अलग-अलग की योजनाएं, छूट और रिटर्न…
क्या आपको अपने ग्राहकों से GST लेना चाहिए, उन चीजों या सेवाओं के लिए जो आप उन्हें दे रहे हैं? क्या आपकी कीमत अभी भी प्रतिस्पर्धी होगी? अपने बिक्री के तरीकों को GST के हिसाब से जमाना आपको अपने लाभ बढ़ने और ग्राहकों को बचा के रखने में मदद करेगा।
6. अपने कॉन्ट्रैक्ट को दुबारा देखिए- वर्तमान पीओ में संशोधन कीजिए…
ध्यान रखिये की आप अपने वर्तमान पीओ और कॉन्ट्रैक्ट्स में संशोधन करें। GST की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नियमों और शर्तों को अच्छे से स्पष्ट करें।
7. अपने सप्लायर की समीक्षा करें- सामान के प्रकार, सप्लाई की जगह और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तें…
ध्यान रखिये आपके कांट्रेक्ट को केवल ग्राहकों से ही नहीं बल्कि सप्लायर से भी समीक्षा करने की ज़रूरत है। अपने सप्लायर के बारे में समीक्षा करें, वह कहां से सामान भेजते हैं और अन्य आपसी कॉन्ट्रैक्ट के बारे में।
इसके अलावा…
- अपने स्टॉक का वर्गीकरण करें, उसकी कीमतों और खरीदने के प्रकार (अंतरराज्यीय या राज्य के अंदर), ड्यूटी का भुगतान या छूट दी गई है।
- TRAN-1 और TRAN-2 फॉर्म भरिये। पुराने स्टॉक पर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का दावा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
- उन स्टॉक के लिए जिनके ऊपर आपको आईटीसी का दावा करना है, फॉर्म-सी, फॉर्म-एच और फॉर्म-आई जमा करें।
- अपना जीऐसटीआईएन अपने सप्लायर हो बताएं और अपने सारे ग्राहकों से उनका जीऐसटीआईएन जमा करें।
- अगर आप एक केंद्रीकृत सेवा प्रदाता के रूप में दर्ज हैं, तो आप उन राज्यों में जाने के लिए आवेदन करें जहाँ आपका व्यापार चल सके।
- GST के अंदर आने वाले उन सामानों की लिस्ट बनाएं जो आप खरीदते या बेचते हैं।
- उन सामानों की लिस्ट बनाएं जिस पर रिवर्स चार्ज लगेगा।
- ध्यान रखें सभी डेबिट/क्रेडिट नोट्स क्रमशः क्रमांकित हैं।
- आपका मौजूदा एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर आपके GST भरने के सॉफ्टवेयर से एकीकृत हो, इसका ध्यान रखें।
- ध्यान रखें कि आप कर-योग्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए इनवॉइस और छूट, शून्य-रेटेड और गैर-GST सामान और सेवाओं के लिए आपूर्ति का बिल भेज रहे हैं।
- ध्यान रखें आपका इनवॉइस GST के इनवॉइस के नियम-कायदों के अनुसार हो। साथ ही आपके उत्पाद के हिसाब से इनवॉइस सीरीज को चेक करें।
- अपने व्यापार से संबंधित सभी जगह जहाँ आपको सामान भेजना है, उसे सोचें और उसकी लिस्ट बनाएं।
जल्दी से GST का अनुपालन करने के लिए इस लिस्ट का पालन करें!
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